admin

वृक्ष की आत्मकथा पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध

Equatorial Forest Region

संस्कृत और हिन्दी के अनेक सुभाषितों में परोपकार की महिमा गयी है – ‘परोपकाराय सत्तां विभूतयः‘,’पर हित सरिस धर्म नहिं भाई‘ ऐसी ही उक्तियाँ हैं। इनमें कहा गया है कि नदियाँ अपना जल नहीं पीतीं, दूसरों की प्यास बुझाती हैं, रत्नगर्भा पृथ्वी अपने रत्न और अन्य धातुएँ दूसरों के उपयोग …

Read More »