Thursday , April 25 2024
CBSE Board exam

अनुशासन के महत्व पर सखी को पत्र

एन – 54ए,
रोहतक रोड,
नई दिल्ली।

दिनांक – 8.7.2018

प्रिय सखी मोनिका,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने लिखा है कि व्यक्ति अनुशासन में ही उन्नति कर सकता है। मैं तुम्हारे इस कथन से पूर्णतया सहमत हूँ।

हे सखी, जीवन में उन्नति का मूल आधार अनुशासन ही है। अनुशासित व्यक्ति अपने लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त कर परिवार और समाज में सम्मान पाता है। अनुशासन की शिक्षा बच्चे को घर और विद्यालय दोनों स्थानों दी जानी चाहिए, क्योंकि बचपन के सीखे गए संस्कार ही उसे उसके लक्ष्य की ओर अग्रसर करते हैं। अनुशासित बालक ही अपने गुरु और माता-पिता का आदर करता है। सुसंस्कृत बनकर कठिनाइयों का सामना करता है। यदि विद्यालय में अनुशासन न हो तो विद्यालय खेल के मैदान बन जाएंगे।इतिहास साक्षी है कि हमारी अनुशासन-हीनता ने ही हमें गुलामी की जंजीरें पहनाई थीं।

अनुशासन जीवन की आधारशिला है। अनुशासनहीनता व्यक्ति, समाज और राष्ट्र सबको नष्ट कर देती है। राष्ट्र का विकास अनुशासन में ही निहित है। अनुशासित राष्ट्र ही महाशक्ति बनकर सम्पूर्ण विश्व पर अपना दबाव बनाए रखता है, जैसे – अमेरिका।

माताजी को नमस्ते और अंजना को प्यार।

शेष कुशल।

तुम्हारी सखी,
तनुश्री जिंदल।

Check Also

Letters

विद्यालय छोड़ने पर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र

सेवा में, श्रीमान् प्रधानाचार्य, राजकीय बाल विद्यालय, आनन्द पर्वत, दिल्ली। विषय: विद्यालय छोड़ने पर प्रमाण …

One comment

  1. It helped me a lot?
    Thank u so much