महाकवि कालिदास की उक्ति है – ‘शरीरामाध्यं खलु धर्म साधऐत्‘ अर्थात् स्वस्थ्य शरीर रहने पर ही प्रत्येक धर्म, प्रत्येक कर्तव्य पूरा किया जा सकता है। यदि शरीर स्वस्थ् नहीं है तो मन भी स्वस्थ नहीं रह पाता ‘Sound mind in healthy body‘, आर्यसमाज के प्रचारक अपने प्रवचनों में प्रायः कहते …
Read More »महाराणा प्रताप पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
महाराणा प्रताप एक महान देशभक्त थे। वह केवल राजस्थान की ही गौरव और शान नहीं थे अपितु संपूर्ण भारतवर्ष को उन पर गर्व है। वह मेवाड़ के राजा थे। उनका जन्म 9 मई 1540 ई0 में सुप्रसिद्ध सिसोदिया परिवार में हुआ था। वह राणा उदय सिंह के सुपुत्र और राणा …
Read More »दहेज़ की समस्या पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए हिंदी निबंध
भारतीय संस्कृति में विवाह आठ संस्कारों में से एक संस्कार माना जाता गया है। हमारे पूर्वज इसके महत्त्व को भली-भाँती समझते थे। विवाह मानव जाती के अस्तित्व को अक्षुण्ण रखता है क्योंकि पति-पत्नी के संसर्ग से उत्पन्न संतान ही मानव जाती को नष्ट होने से बचाती है। वह स्त्री-पुरुष को …
Read More »ईद त्योहार पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
इस्लाम धर्म माननेवालों का मूल निवास-स्थान प्रकृति के वरदानों से वंचित रहा है। मध्य एशिया की जमीन अनुर्वर है, जलवायु खेती-बाड़ी और अनाज-उत्पादन की दृष्टी से प्रतिकूल है। अतः वहाँ भारत की तरह न प्राकृतिक संसाधन हैं और न खुशहाली। त्योहार मनाने के लिए जिन अनुकूल, सुखद, उल्लासपूर्ण परिस्थितियों की …
Read More »माँ पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
माँ से बेहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता है, उसके प्यार और देख-रेख को। चलिये आपके बच्चों को उनके स्कूल में माँ के बारे में कुछ लिखने या व्याख्यान करने को देते है। आपके स्कूल जाने वाले बच्चों के लिये ये निबंध और भाषण बहुत आसान शब्दों में …
Read More »नारी और फैशन पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
इस धरती पर रहनेवाले अन्य जीवधारियों से मनुष्य को विशिष्ट बनानेवाला गुण है सौन्दर्य-प्रेम। मनुष्य स्वभाव से सौन्दर्य प्रेमी है। अपनी सौन्दर्य पिपासा को मिटाने के लिए वह प्रकृति के रमणीक स्थानों की सैर करता है, रंग-बिरंगे, सुगन्धित पुष्पों से लदे वृक्षों और लताओं को देख उसके नेत्र तृप्त हो …
Read More »नारी और नौकरी अथवा कामकाजी महिलाओं की समस्याओं पर निबंध
एक युग था जब भारतीय नारी का सारा जीवन घर की चारदीवारी के भीतर बीतता था। वह अपना सारा समय और सारी शक्ति चूल्हे-चौके का काम करने, संतान का लालन-पालन करने में, गृहस्थी की देखभाल में बिताती थी। उसे गृह-लक्ष्मी, गृहणी कह कर उसके प्रति सम्मान भी प्रकट किया जाता …
Read More »आधुनिक भारतीय नारी पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए हिंदी निबंध
शिक्षा के प्रसार ने भारतीय नारी के जीवन और व्यक्तित्व में क्रन्तिकारी परिवर्तन ला दिया है। अब उसकी शिक्षा केवल पढ़ने, लिखने, अंकगणित तक सीमित नहीं रह गयी है। वह विश्वविद्यालयों, आयुर्विज्ञान संस्थानों, प्रौद्योगिकी के प्रतिष्ठानों, विज्ञान की प्रयोगशालाओं में उच्च शिक्षा प्राप्त कर, वहाँ की उपाधियाँ लेकर जीवन के …
Read More »लगातार आगे बढ़ो “चरैवैति चरैवैति”: विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
चरैवैति चरैवैति का शाब्दिक अर्थ है – निरन्तर आगे बढ़ते रहना। जिस प्रकार सूर्य निरन्तर भ्रमणशील रहता है कभी रुकता नहीं और थकता नहीं उसी प्रकार जो मनुष्य निरन्तर लक्ष्योम्मुख होकर अपने कार्य में प्रवृत्त रहता है वह एक न एक दिन अपने गन्तव्य को प्राप्त कर लेता है। निरन्तर आगे …
Read More »रबीन्द्रनाथ टैगोर पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए हिंदी निबंध
विद्यार्थियों की मदद के लिये हम यहाँ पर रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध उपलब्ध करा रहें हैं। आज-कल किसी भी विषय पर विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिये स्कूलों और कॉलेजों में निबंध लेखन एक सामान्य कार्यनीति है। यहां दिये गये सभी निबंध बेहद सरल और आसान शब्दों …
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