Thursday , March 28 2024
Letters

छोटे भाई को दुर्व्यसन से बचने के लिए पत्र

27, आवास विकास कालोनी,
काशीपुर, (उत्तरांचल)
दिनांक : 25.10.2015

प्रिय मनोज,
स्नेह।

कल ही मुझे तुम्हारे प्रधानाचार्य महोदय का पत्र प्राप्त हुआ। पत्र के माध्यम से यह जानकर मुझे अत्यंत दुख हुआ कि तुम अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान नहीं दे रहे हो। साथ ही छात्रावास के नियमों की अवहेलना, मदिरापान करना, चलचित्र देखना तथा दिन-दिन भर आवारागर्दी करना तुम्हारी दैनिक आदतों में शामिल हो गया है।

प्रिय अनुज, विद्‌यार्थी जीवन मनुष्य जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण समय होता है। इस काल में वह जो कुछ भी ग्रहण करता है उन्हीं से उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है। कुसंगति में पड़कर तुम स्वयं अपना भविष्य नष्ट कर रहे हो। अभी समय है कुसंगति के मार्ग को छोड्‌कर तुम अपना पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई पर केंद्रित करो।

मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम हमारी आशाओं पर खरे उतरोगे और आगामी परीक्षाओं में अच्छे अंक लाकर दिखाओगे। पूज्य माता-पिता की ओर से तुम्हें आशीर्वाद।

तुम्हारा भाई,
सुरेश

Check Also

Letters

अस्वस्थता के कारण अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र

सेवा में, श्रीमती प्रधानाचार्य, दिल्ली आदर्श विद्यालय, करनाल रोड, दिल्ली। महोदया, सविनय निवेदन यह है …