Thursday , April 25 2024

Essays

राष्ट्रीय एकता: महत्व और आवश्यकता पर निबंध

राष्ट्रीय एकता

राष्ट्रीय एकता: देश और राष्ट्र में अन्तर न पाने के परिणामस्वरूप प्रायः देश और राष्ट्र को एक मन लिया जाता है। इस भ्रम का कारण यह भी है कि विश्व के अनेक देश भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटे हैं और उनके रहनेवालों की जाती, सभ्यता, संस्कृति एक हैं। उनके …

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हानी-लाभ, जीवन-मरण, यश-अपयश विधि हाथ: हिंदी निबंध

राष्ट्रीय एकता

हानी-लाभ, जीवन-मरण, यश-अपयश विधि हाथ: हिंदी निबंध – जीव को ब्रह्म का अंध कहा गया है ‘ईश्वर अंश जीव अविनाशी।‘ ब्रह्म का अंश होते हुए भी मनुष्य अपूर्ण है, सदा सफल नहीं होता, अनेक आपदाएँ और कष्ट है, सुख-दुःख का चक्र निरन्तर चलता रहता है। जो सोचता है, कल्पना करता …

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राष्ट्र-निर्माण में विद्यार्थी का योगदान पर हिंदी निबंध

राष्ट्र-निर्माण में विद्यार्थी का योगदान पर हिंदी निबंध

राष्ट्र रूपी वृक्ष के वृन्त पर किशोर-किशोरियाँ कली की तरह और युवक-युवतियाँ पुष्पों की तरह मुस्कराकर, अपनी सुगंध और सौरभ से वातावरण को मोदमय बनाते हैं। इसीलिए विद्यार्थी वर्ग राष्ट्र के यौवन का प्रतीक कहा जाता है। राष्ट्र उनसे बहुत आशा और अपेक्षा करता है, उसकी दृष्टि उन पर केन्द्रित …

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पर्यावरण पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध

Environment: पर्यावरण

एक स्वच्छ वातावरण एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन मनुष्य के लापरवाही से हमारा पर्यावरण दिन ब दिन गन्दा होता जा रहा है। यह एक मुद्दा है जिसके बारे में हर किसी को पता होना चाहिए खासकर के बच्चो को। हम कुछ निम्नलिखित निबंध …

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स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर निबंध विद्यार्थियों के लिए

स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर निबंध विद्यार्थियों के लिए

क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विवादास्पद व्यक्तित्व रहे हैं। जहाँ बहुत से लोग उन्हें महान क्रांतिकारी व देशभक्त मानते हैं वहीँ ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो उन्हें सांप्रदायिक मानते हैं और महात्मा गाँधी की हत्या से जोड़ कर देखते हैं। सत्य जो भी तथ्य ये …

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शिक्षा और व्यवसाय पर निबंध विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध Hindi Essay on Ideal Student

शिक्षा और व्यवसाय: हिंदी निबंध शिक्षा का प्रयोजन है व्यक्ति का सम्पूर्ण और समग्र विकास, उसके शरीर, मन, बुद्धि तथा आत्मा को सबल-सशक्त बनाना, उसमें अच्छे-बुरे, उचीत-अनुचित, पाप-पुण्य, हित-अहित का विवेक पैदा करना। शिक्षा मनुष्य को सभ्य, सुसंस्कृत, शालीन, सच्चरित्र बनाती है, उसे जीवन जीने की कला सिखाती है। शिक्षा …

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