Tuesday , April 16 2024

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जब सिनेमा ने बोलना सीखा: NCERT 8th Class (CBSE) Hindi

NCERT 8th Class CBSE Hindi Vasant Part 3

8th CBSE Hindi Vasant Chapter 11: जब सिनेमा ने बोलना सीखा प्रश्न: जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए? उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए छापे गए वाक्य इस प्रकार थे: “वे …

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भगवान के डाकिए 8th Class CBSE Hindi Vasant Chapter 6

NCERT 8th Class CBSE Hindi Vasant Part 3

भगवान के डाकिए 8th Class NCERT CBSE Hindi वसंत भाग 3 Chapter 06 प्रश्न: कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: पक्षी और बादल भगवान के डाकिए इसलिए कहे गए हैं क्योंकि ये एक देश से होकर दूसरे देश में जाकर सद्भावना का संदेश …

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चिट्ठियों की अनूठी दुनिया 8 Class CBSE Hindi Vasant Chapter 5

NCERT 8th Class CBSE Hindi Vasant Part 3

चिट्ठियों की अनूठी दुनिया 8th Class NCERT CBSE Hindi वसंत भाग 3 Chapter 05 प्रश्न: पत्र जैसा संतोष फ़ोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता? उत्तर: पत्रों का अपना अलग महत्व है। पत्रों द्वारा हम अपने मनोभावों को खुलकर व्यक्त कर सकते हैं लेकिन फ़ोन, एस.एम.एस द्वारा केवल कामकाजी बातों …

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The Open Window: 8th Class English ‘It So Happened’ Ch 7

8th English NCERT Honeydew and It So Happened

The Open Window 8th Class NCERT CBSE English ‘It So Happened’ Chapter 7 Question: What was Framton Nuttel suffering from? Answer: Framton Nuttel was suffering from nervous disorder and excitement. The doctor advised him complete rest and relaxation in the countryside. Question: Why does Framton retire to the countryside? Answer: Framton retires …

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बेरोजगारी की समस्या पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिए

Unemployment

भारत में आज ‘एक अनार सौ बीमार‘ कहावत चरितार्थ हो रही है। एक रिक्त स्थान के लिए सौ से अधिक प्रार्थनापत्र भेजे जाते हैं, एक पद के लिए सैकड़ों प्रत्याशी ‘क्यू’ लगाकर साक्षात्कार के लिए खड़े अपनी बारी की प्रतीक्षा करते देखे जाते हैं। यह सब बेरोजगारी के ही लक्ष्ण …

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बाल-मजदूर समस्या पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिये

Child labour

बच्चा भगवान का प्रतिरूप होता, बच्चा भगवान की देन है, ‘child is the father of man‘ आदि उक्तियाँ बच्चों का महत्त्व बताती है; उसका गुणगान करती हैं। वस्तुतः बच्चे का भोलापन, नटखटपन, बाल-सुलभ चेष्टाएँ, बाल-क्रीड़ाएँ सबको मुग्ध कर देती हैं और मानव बच्चे के प्रति ममत्व अनुभव करने लगता है, …

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बन्धुआ मजदूर समस्या पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिये

Child labour

बहुत पुराने जमाने में गुलाम-प्रथा अर्थात् आदमी को बेचने-खरीदने का रिवाज था। इसके अन्तर्गत सम्पन्न व्यक्ति पुरुषों को परिश्रम के लिए तथा स्त्रियों को अपनी वासना-पूर्ति के लिए कुछ धन देकर जीवन-भर के लिए अपना दास बना लेता था। समय के साथ जागरूकता, मानवता, मनुष्य को मनुष्य होने के नाते …

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