Thursday , March 28 2024
9th Hindi NCERT CBSE Books

वैज्ञानिक चेतना के वाहक: चन्द्र शेखर वेंकट रामन् 9th Hindi Ch 5

वैज्ञानिक चेतना के वाहक: चन्द्र शेखर वेंकट रामन् Page [2] 9th Class (CBSE) Hindi

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:

प्रश्न: रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है?

उत्तर: रामन् के समय में शोधकार्य करने के लिए परिस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत थीं। वे सरकारी नौकरी करते थे, समय का अभाव रहता था। परन्तु फिर भी रामन् फुर्सत पाते ही ‘बहू बाज़ार’ चले जाते। वहाँ ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस’ की प्रयोगशाला में काम करते। इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था लेकिन रामन् इन काम चलाऊ उपकरणों से भी शोध कार्य करते रहें। ऐसे में अपनी इच्छाशक्ति के बलबूते पर अपना शोधकार्य करना आधुनिक हठयोग ही कहा जा सकता है।

प्रश्न: रामन् की खोज ‘रामन् प्रभाव’ क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: रामन् के मस्तिष्क में समुद्र के नीले रंग को लेकर जो सवाल 1921 की समुद्र यात्रा के समय आया, वह ही ‘रामन् प्रभाव’ खोज बन गया। अर्थात रामन् द्वारा खोजा गया सिद्धांत, इसमें जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती है तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है। एक वर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस रवे से टकराते हैं तो उर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आता है।

प्रश्न: ‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?

उत्तर: ‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके:

  1. विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया।
  2. रामन् की खोज के बाद पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाने लगा।
  3. रामन् की तकनीक एकवर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक जानकारी देने लगी।
  4. अब पदार्थों का संश्लेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रुप में निर्माण संभव हो गया।

प्रश्न: देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोद पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरु की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया।

प्रश्न: सर चन्द्र शेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप्त होने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: सर चन्द्र शेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलाता है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए रामन् की तरह सुख-सुविधाओं को छोड़ना पड़े। इच्छा शक्ति हो तो राह निकल आती है। रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए।

प्रश्न: नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके।

(क) प्रमाण ……………………..

(ख) प्रणाम …………………….

(ग) धारणा ……………………..

(घ) धारण …………………….

(ङ) पूर्ववर्ती …………………….

(च) परवर्ती ……………………..

(छ) परिवर्तन …………………….

(ज) प्रवर्तन …………………….

उत्तर:

(क) प्रमाण − मैं यह बात प्रमाण सहित कह सकता हूँ।

(ख) प्रणाम − अपने से बड़ों को प्रणाम करना चाहिए।

(ग) धारणा − धर्म के प्रति हमारी धारणा बदलनी चाहिए।

(घ) धारण − सदा स्वच्छ वस्त्र धारण करो।

(ङ) पूर्ववर्ती − कई किले पूर्ववर्ती राजाओं ने बनाए।

(च) परवर्ती − अब परवर्ती पीढ़ी ही देश की रक्षा करेगी।

(छ) परिवर्तन − अब सृष्टि में भी अनेकों परिवर्तन हो रहे हैं।

(ज) प्रवर्तन − प्रवर्तन कार्यालय में जाना है।

प्रश्न: रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए:

  1. मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से ………. हैं।
  2. अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को ………. रुप से नौकरी दे दी गई है।
  3. रामन् ने अनेक ठोस रवों और ………. पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
  4. आज बाज़ार में देशी और ………. दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
  5. सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ………. में परिवर्तित हो जाता है।

उत्तर:

  1. मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।
  2. अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रुप से नौकरी दे दी गई है।
  3. रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
  4. आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
  5. सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न: नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द-युग्म का प्रयोग हुआ है:
उदाहरण: चाऊतान को गाने-बजाने में आनंद आता है।
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द–युग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए:

  1. सुख–सुविधा ……….
  2. अच्छा–खासा ……….
  3. प्रचार–प्रसार ……….
  4. आस–पास ……….

उत्तर:

  1. सुख–सुविधा – रोहन को सुख-सविधा में रहने की आदत है।
  2. अच्छा–खासा – माँ ने अच्छा-खासा खाना बनाया था।
  3. प्रचार–प्रसार – नेताजी प्रचार-प्रसार में लगे हैं।
  4. आस–पास – हमारे आस-पास हरियाली है।

प्रश्न: प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए:

अनुस्वार

अनुनासिक

(क)

अंदर (क) ढूँढ़ते
(ख) ………. (ख) ……….
(ग) ………. (ग) ……….
(घ) ………. (घ) ……….
(ङ) ………. (ङ) ……….

उत्तर:

अनुस्वार अनुनासिक
(क) अंदर (क) ढूँढ़ते
(ख) सदियों (ख) पहुँचता
(ग) असंख्य (ग) सुविधाएँ
(घ) रंग (घ) स्थितियाँ
(ङ) नींव (ङ) वहाँ

प्रश्न: पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए: घंटों खोए रहते, स्वाभाविक रुझान बनाए रखना, अच्छा-खासा काम किया, हिम्मत का काम था, सटीक जानकारी, काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए, कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था, मोटी तनख्वाह

उत्तर:

  1. घंटो खोए रहना − वैज्ञानिक अपने प्रयोगों में घंटो खोए रहते हैं।
  2. स्वाभाविक रुझान बनाए रखना − लोग अपनी रुचि के अनुसार कार्यों में स्वाभाविक रूझान बनाए रखते हैं।
  3. अच्छा खासा काम किया − इस भवन पर अच्छा खासा काम किया गया है।
  4. हिम्मत का काम था − उसने बच्चे को बाढ़ में से बचा कर हिम्मत का काम किया।
  5. सटीक जानकारी − हमारी अध्यापिका को अपने विषय में सटीक जानकारी है।
  6. काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए − आजकल बच्चे बहुत ऊँचे अंक हासिल करते हैं।
  7. कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया − आज वह यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद खड़ा कर पाया है।
  8. मोटी तनख्वाह − यह अफसर मोटी तनख्वाह पाता है।

प्रश्न: पाठ के आधार पर मिलान कीजिए:

नीला                कामचलाऊ
पिता                 रव
तैनाती             भारतीय वाद्ययंत्र
उपकरण           वैज्ञानिक रहस्य
घटिया              समुद्र
फोटॉन              नींव
भेदन                कलकत्ता

उत्तर:

नीला                     समुद्र
पिता                      नींव
तैनाती                  कलकत्ता
उपकरण               कामचलाऊ
घटिया                  भारतीय वाद्ययंत्र
फोटॉन                  रव
भेदन                     वैज्ञानिक

प्रश्न: पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।

उत्तर: रंगों की सूची − बैंगनी, नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी, लाल

प्रश्न: नीचे दिए गए उदाहरण ‘ही’ का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।

उदाहरण: उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।

उत्तर:

  1. यह काम तुमने ही किया है।
  2. तुम ही जाकर ले आओ।
  3. उसने ही काम पूरा किया है।
  4. गीता ही अकेली जा रही है।
  5. केवल वह ही जाएगा।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न: लेखक ने किसकी प्रयोगशाला को अनूठी कहा है और क्यों?

उत्तर: लेखक ने ‘इंडियन एशोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन आफ साइंस’ की प्रयोगशाला को अनूठी कहा है क्योंकि यह प्रयोगशाला सीमित साधनों के होते हुए भी अपना कामकर रही थी जबकि इसके उद्देश्य बहुत ऊँचे थे।

प्रश्न: प्रयोगशाला में रामन् के काम करने की तुलना हठयोग से क्यों की गई है?

उत्तर: ‘इंडियन एशोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस’ की प्रयोगशाला में रामन् उपकरणों के अभाव में कष्ट साध्य शोधकार्य करते रहे। उन्होंने मानो सफलता पाने के लिए हठकर रखा हो। रामन् की इस लगन एवं कष्ट साध्य परिस्थितियों में काम करने की धुन के कारण ही हठयोग से तुलना की गई है।

प्रश्न: नौकरी से बचे समय को रामन् कैसे बिताते थे?

उत्तर: नौकरी से बचे समय में अपनी इच्छाओं और स्वाभाविक रुझान के कारण कलकत्ता के बहू बाजार में आते और डॉक्टर महेंद्रलाल सरकार द्वारा स्थापित प्रयोगशाला में शोधकार्य में जुट जाते थे। वे अपनी इच्छाशक्ति से भौतिक विज्ञान को समृद्ध करने का प्रयास करते थे।

प्रश्न: समुद्र यात्रा के दौरान राम के मन में कौन-सी जिज्ञासा बलवती हो उठी?

उत्तर: अपनी समुद्र यात्रा के दौरान जहाज़ के डेक पर खड़े रामन ने देखा कि समुद्र का नीला जल दूर-दूर तक फैला है। यह जल नीला ही क्यों दिखाई देता है? यह जिज्ञासा उनके मन में बलवती हो उठी और वे इसका उत्तर पाने के प्रयास में जुट गए।

प्रश्न: रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति के समान क्यों मानी जाती है?

उत्तर: चन्द्र शेखर वेंकट रामन् ने अपने कठिन परिश्रम द्वारा किए गए प्रयोगों से सिद्ध कर दिया कि प्रकाश की प्रकृति के पारे में आइंस्टाइन के विचार सही थे कि प्रकाश अति सूक्ष्म तीव्र कणों की धारा के समान है जबकि आइंस्टाइन के पूर्ववर्ती वैज्ञानिकों का मानना था कि प्रकाश एक तरंग के रूप में होता है।

Check Also

9th Class CBSE English Beehive

The Road Not Taken: 9th Class English Beehive Ch 01

The Road Not Taken: NCERT 9th Class CBSE English Beehive Chapter 01 Thinking about the poem  (Page …